Poem about life मां मैं बड़ा नहीं होना चाहता .
मां मैं बड़ा नहीं होना चाहता
मैं बड़ा होकर क्या कर लूंगा
इस दुनिया से क्या में लड़ लूंगा🤺
ये दुनिया बड़ी जालिम है मां
बेजती का मजा उठाएगी,
मेरे आगे बड़ते ही
दुनिया मुझे सुनाएगी😖
सुन सुन कर मेरे कर्ण दुख चुके,
पर दुनिया मुझे रुलाएगी
और हंस हंस कर मजा उठाएगी😁
मां मुझे इतना तुजुर्बा तो नहीं
पर जितना भी में जनता हूं 📓
दुख का कारण खुद को ही मानता हूं।
लोगो को क्या कहना
लोगो का तो काम है कहना।
जब खुद को मैं सुधारुगा
,
,
तभी अंतरिक्ष को स्वारुंगा🚀🛰️
मैं सुधारने की कोशिश तो करता हूं,
पर दुनिया नजर आ जाती है।
मैं सुधर कर क्या कर लूंगा,
ये दुनिया मजा उठाती है,
ये दुनिया मजा उठाती है😂।
Poem about life मां मैं बड़ा नहीं होना चाहता ।
BRIJESH SHARMA