Hindi poems Poem on swachhta in hindi स्वछता पर हिंदी कविता
स्वछता🤗तुम कहने में ही इतनी सुंदर हो तो
वास्तव में तो कितनी प्यारी होगी
शायद इस पावन धरती की
वास्तविक खुशी तुम सारी होगी😄
मैं तुझे पाना चाहता हूँ स्वच्छा
पर लोग साथ क्यों न देते हैं
साथ चलने के बजाय
वो पीठ पिछे ही सब कुछ कहते हैं।😫
लोगों को क्या कहना
लोगों का तो काम ही है कहना
पर मेरा इरादा तो तुझे पाने का अटल है
दिव्य दृष्टि में मेरा इरादा आवश्य ही सफल है
एक न एक दिन मैं तुझे जरूर पालूगां
कोई साथ हो या न हो पर तुझमें समां लूँगा🌅
तू साथ रहेगी न मेरे
चूंकि गाँदगी से मेरा दम सा घुटता है
जहाँ तुम नहीं होती हो
वहाँ सुख सा रूठता है।😒
मैने तो ठान लिया है
कि तुझे पा कर रहूंगा मैं
भले अकेले चलना पड़े
तो अकेले ही चल पढूँगा मैं🚶🚶
क्यों संकोच करूँ
स्वछता तुझे पाने में
क्यों गंदगी मुस्कुराती है
तुझको चिढ़ाने में।👎👍
पर तू चिढ़ना मत
मैं साथ हूँ तेरे
तू सदा २हना साथ मेरे
मैं सदा रहुंगा साथ तेरे।🤞🤝💗
Poem on swachhta in hindi स्वछता पर हिंदी कविता
Ba 1year